1150 छात्र-छात्राओं को लेकर एक स्पेशल ट्रेन मंगलवार दोपहर 2 बजे दानापुर पहुंची। ट्रेन में लगभग 300 छात्राएं और 56 अभिभावक भी थे। सभी का स्वागत खुद डीएम कुमार रवि और एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने किया। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें स्क्रीनिंग करने के बाद बस पर बैठाकर उनके घर पहुंचाया गया।

जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर रुकी, छात्र-छात्राएं उतरने के लिए उतावले हो गए, लेकिन प्रशासन की ओर से उन्हें माइक से सूचना दी जा रही थी कि जब तक उन्हें नहीं कहा जाए ट्रेन में ना उतरें। ट्रेन से उतरने के बाद एक-एक करके प्लेटफार्म पर उनका थर्मल स्क्रीनिंग किया गया और फिर बस से उन सभी छात्रों को घर जाने के लिए रवाना किया गया।

कोटा से आने वाले छात्रों को कोई परेशानी नहीं हो, इसीलिए मंगलवार को भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। रेलवे परिसर में किसी के आने पर रोक लगा दी गई थी। छात्रों को अलग-अलग रूट के लिए बैठने की व्यवस्था की गई। उसके बाद उन्हें रवाना कर दिया गया। छात्राओं के लिए महिला पुलिस की व्यवस्था की गई थी। ट्रेन से उतरने के बाद उन्हें लंच पैकेट दिया गया।

1200 मजदूरों को लेकर बंगलुरु से पहुंची ट्रेन
मंगलवार को करीब 12:00 बजे प्रवासी मजदूरों को लेकर एक स्पेशल ट्रेन बंगलुरु से दानापुर पहुंची। इसमें लगभग 1200 मजदूर सवार थे। इन मजदूरों को भी अलग-अलग जिलों में भेजने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर बिहार पथ परिवहन निगम की बसें लगी हुई थी। बसों से उन्हें संबंधित जिलों में भेज दिया गया। मजदूरों का कहना था कि उन्हें ट्रेन में भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। दानापुर पहुंचने के बाद उन्हें लंच पैकेट दिया गया।